काही माझे, काही आपले सुविचार, कविता, विनोद, कथा .....
Saturday, October 8, 2011
कधी एकट जगून तर बघ
आंतरजालावरून साभार - ई-मेल फॉरवर्ड - आभार - लेखक / कवी
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